राजस्थान के सेंटर फार चाइल्ड प्रोटेक्शन जयपुर के तत्वावधान में बाल
संरक्षण कार्यशाला का समापन मंगलवार को हुआ। कार्यशाला में जिले में बाल
कल्याण पुलिस अधिकारियों, मानव तस्करी विरोधी युनिटों मे तैनात पुलिस
अधिकारियों तथा सीएलजी सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण तथा कानूनी
प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला के अंतिम सत्र में
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शक्ति सिंह ने कहा कि आज के बालक ही
कल देश के भावी कर्णधार होंगे। इसलिए बाल संरक्षण आज की महती आवश्यकता
है। इस संबंध में शासन,सरकार तथा समाज को मिलकर काम करना होगा। अध्यक्षता
करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र वर्मा ने कहा कि कार्यशाला में दी
गई जानकारी तथा प्रचलित प्रावधानों से पुलिस अधिकारियों को लाभ मिलेगा
तथा वह भविष्य में बाल संरक्षण की दिशा में और बेहतर तरीके से काम कर
सकेंगे। सेंटर फार चाइल्ड प्रोटेक्शन के सलाहकार आशुतोष श्रीवासतव ने
बताया कि द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रमुख उद्देश्य बाल
संरक्षण विषय पर कार्यरत प्राधिकारियों के ज्ञान, अपेक्षित दक्षता,
व्यवहार एवं संवेदनशीलता मे गुणात्मक वृद्धि करना है। सीसीपी प्रतिनिधि
प्रवीन सिंह ने बताया कि कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के दौरान
प्रतिभागियों को विशेष रुप से बच्चों के साथ होने वाले शारीरिक, मानसिक
अथवा लैंगिक दुव्र्यवहार को तुरंत रोकने की दिशा में समन्वित प्रयास की
आवश्यकता एवं न्यायपालिका एवं सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों मे और
अधिक समन्वय पर बल दिया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने प्रतिभागियों से
बाल संरक्षण विषय पर फीडबैक प्राप्त किए और उन्हे प्रमाण पत्र प्रदान कर
सम्मानित किया। धौलपुर रिजर्व पुलिस लाईन में आयोजित कार्यशाला में
धौलपुर एवं भरतपुर जिले के बाल संरक्षण पुलिस अधिकारियों एवं मानव तस्करी
यूनिट के कुल 36 प्रतिभागियों ने सक्रिय रुप से भाग लिया।
संरक्षण कार्यशाला का समापन मंगलवार को हुआ। कार्यशाला में जिले में बाल
कल्याण पुलिस अधिकारियों, मानव तस्करी विरोधी युनिटों मे तैनात पुलिस
अधिकारियों तथा सीएलजी सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण तथा कानूनी
प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला के अंतिम सत्र में
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शक्ति सिंह ने कहा कि आज के बालक ही
कल देश के भावी कर्णधार होंगे। इसलिए बाल संरक्षण आज की महती आवश्यकता
है। इस संबंध में शासन,सरकार तथा समाज को मिलकर काम करना होगा। अध्यक्षता
करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र वर्मा ने कहा कि कार्यशाला में दी
गई जानकारी तथा प्रचलित प्रावधानों से पुलिस अधिकारियों को लाभ मिलेगा
तथा वह भविष्य में बाल संरक्षण की दिशा में और बेहतर तरीके से काम कर
सकेंगे। सेंटर फार चाइल्ड प्रोटेक्शन के सलाहकार आशुतोष श्रीवासतव ने
बताया कि द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रमुख उद्देश्य बाल
संरक्षण विषय पर कार्यरत प्राधिकारियों के ज्ञान, अपेक्षित दक्षता,
व्यवहार एवं संवेदनशीलता मे गुणात्मक वृद्धि करना है। सीसीपी प्रतिनिधि
प्रवीन सिंह ने बताया कि कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के दौरान
प्रतिभागियों को विशेष रुप से बच्चों के साथ होने वाले शारीरिक, मानसिक
अथवा लैंगिक दुव्र्यवहार को तुरंत रोकने की दिशा में समन्वित प्रयास की
आवश्यकता एवं न्यायपालिका एवं सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों मे और
अधिक समन्वय पर बल दिया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने प्रतिभागियों से
बाल संरक्षण विषय पर फीडबैक प्राप्त किए और उन्हे प्रमाण पत्र प्रदान कर
सम्मानित किया। धौलपुर रिजर्व पुलिस लाईन में आयोजित कार्यशाला में
धौलपुर एवं भरतपुर जिले के बाल संरक्षण पुलिस अधिकारियों एवं मानव तस्करी
यूनिट के कुल 36 प्रतिभागियों ने सक्रिय रुप से भाग लिया।