कब पटरी पर लौटेगी नेरोगेज

 इंतजार की इंतेहा : धौलपुर में कब पटरी पर लौटेगी नैरोगेज ट्रेन

करीब एक साल से बंद है नैरोगेज का संचालन,रेल प्रशासन ने रनिंग स्टाफ भी हटाया
- प्रदीप कुमार वर्मा
धौलपुर। कोरोना संकट के चलते करीब एक साल पूर्व बंद हुई धौलपुर की
नैरोगेज ट्रेन के अब फिर से पटरी पर लौटने का इंतजार है। करीब डेढ सौ साल
पुरानी रियासतकालीन यह ट्रेन आवागमन के लिहाज से धौलपुर जिले के डांग
इलाके की जीवन रेखा कही जाती है। जिला मुख्यालय से डांग में कई ऐसे इलाके
हैं,जहां सिर्फ नैरोगेज की ही सुविधाजनक पंहुच है। लेकिन इस मामले में
उच्च रेल प्रशासन की अनदेखी तथा उदासीनता से इंतजार की इंतेहा होती दिख
रही है। रेल प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि नैरोगेज ट्रेन का पटरी
पर लाने के बजाय यहां से स्टाफ भी हटा लिया है।
                देश में कोरोना संकट के शुरू में 22 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन के
कारण ब्राडगेज के साथ साथ धौलपुर में नैरोगेज ट्रेनों के पहिए भी थम गए
थे। करीब डेढ सौ साल पुरानी धौलपुर जिले के रियासतकालीन रेल सैक्शन में
कुल आधा दर्जन ट्रेनों का संचालन होता है। इनमें 52179
धौलपुर-सरमथुरा,52180 सरमथुरा-धौलपुर,52181 धौलपुर-तांतपुर,52182
तांतपुर-बाडी,52183 बाडी-सरमथुरा तथा 52184 सरमथुरा-धौलपुर जैसी पेंसेजर
ट्रेन शामिल हैं। धौलपुर जिले के बाडी,बसेडी और सरमथुरा क्षेत्र में फैले
डांग इलाके में आज भी नैरोगेज का ही आसरा है। लेकिन देश में रेल सेवाओं
की बहाली की हालिया कवायद में अभी तक धौलपुर की नैरोगेज ट्रेनों के
संचालन के बारे में भी कोई निर्णय अथवा दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए
हैं।
                नैरोगेज रेल सैक्शन के महत्व को देखते हुए ही रेलवे ने करीब दस वर्ष
पूर्व नैरोगेज के लिए धौलपुर-करौली-गंगापुर रेल परियोजना मंजूर कर रखी
है। इस परियोजना में धौलपुर से सरमथुरा के बीच वर्तमान के नैरोगेज का
आमान परिवर्तन करके बडी रेल लाईन बिछाने तथा सरमथुरा से करौली होते हुए
गंगापुर तक नई बडी लाईन बिछाने की योजना है। इस परियोजना के अमलीजामा
पहनने के बाद में धौलपुर जिले का रेल संपर्क ना केवल प्रसिद्व लोकतीर्थ
कैलादेवी तक होगा। वहीं, उत्तर मध्य रेलवे के अधीन आने वाले धौलपुर जिले
का जुडाव पश्चिम रेलवे के गंगापुर तक हो जाएगा।
                धौलपुर जिले की नैरोगेज ट्रेन के लिए तैनात स्टाफ को भी रेल प्रशासन ने
फिलहाल अस्थायी तौर पर हटा लिया है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक धौलपुर
लोको शैड में तैनात दो लोको पायलट तथा चार सहायक लोको पायलट को हटाकर
उनको अन्यत्र लगाया गया है। नैरोगेज ट्रेन के फिर से शुरू होने के बारे
में स्थानीय अधिकारियों को कुछ भी पता नहीं है। धौलपुर स्टेशन पर यात्री
जब नैरोगेज ट्रेन के संचालन के बारे में कोई जानकारी चाहते हैं,तो उनको
कोई जबाब नहीं मिल पा रहा है। लोगों का कहना है कि जब कोरोना के प्रभाव
कम होने के बाद में ब्राडगेज में मेल और एक्सप्रेस के बाद में अब पैसेंजर
ट्रेनों का संचालन फिर से बहाल हो रहा है,तो नैरोगेज के मामले में रेलवे
दोहरे मापदंड क्यों अपना रहा है। ऐसे में आवाम की मांग है कि नैरोगेज

ट्रेन को फिर से शुरू किया जाए।