भारत तिब्बत सहयोग मंच ने मानव अधिकार पर किया गोष्ठी का आयोजन

धौलपुर। भारत तिब्बत सहयोग मंच धौलपुर इकाई द्वारा मंगलवार को विश्व
मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आज ही
तिब्बती अध्यात्मिक गुरु पावन दलाई लामा को विश्व नोबेल पुरस्कार की 30
वें साल के उपलक्ष्य में उत्सव तथा कैलाश मुक्ति हस्ताक्षर अभियान का
आयोजन भी स्थानीय तिब्बती मार्केट में किया गया। आयोजन का शुभारंभ
मार्केट प्रधान सोनम पांडक एवं नवांग तेनजिंग द्वारा भारत एवं तिब्बत की
परम्परा अनुसार अतिथियों को  रोली चावल से तिलक एवं तिब्बती परिधान भेंट
कर किया गया। आयोजन में संगठन के जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने मंच का
परिचय देते हुए मानवाधिकार दिवस के बारे में कहा कि मानव अधिकार दिवस पर
हमारे देश के सभी राजनीतिक सम्मेलनों, बैठकों , प्रदर्शनियों एवं
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है। सरकारी और
गैर सरकारी संगठन सक्रिय रूप से मानव अधिकार कार्यक्रम में भाग लेते हैं।
भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया 12 अक्टूबर
1993 में सरकार ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। मुख्य अतिथि
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के जिला संघ चालक पुरुषोत्तम शर्मा ने अपने
वक्तव्य में कहा कि चीन जो तिब्बत के मानव अधिकारों का हनन करता आ रहा
है, उससे जल्दी ही निजात मिलेगी और आपको राष्ट्र का दर्जा शीघ्र ही मिल
जाएगा। भारत और तिब्बत के प्रारंभ से ही मित्रता का व्यवहार रहा है। आप
सब भी हमारे भाई बहिन है और जब एक भाई परेशानी में होता है तो दूसरे भाई
की चैन की नींद नहीं आ सकती। ऐसे ही हम भी आपके हर मुश्किल में साथ खड़े
हैं। कार्यक्रम में तिब्बती समुदाय द्वारा अपने पारंपरिक गानों पर
सामूहिक नृत्य  की शानदार प्रस्तुति देकर माहौल को और भी मन मोहक बना
दिया। कार्यक्रम के समापन पर मार्केट प्रधान ने थैंक यू इंडिया वाला गीत
मेरे हिन्द तुझको दिल से सलाम... से सभी अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त
किया।