राजस्थान में ई-मित्र केन्द्रों पर बनेगी अस्पताल की आउटडोर पर्ची
प्रदेश के समस्त जिलों में लागू होगा धौलपुर मॉडल,संचार विभाग के
अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
-प्रदीप कुमार वर्मा
धौलपुर। प्रदेश के विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों में आउटडोर पर्ची तथा
डॉक्टरों को दिखाने के लिये पंजीयन का काम संबंधित अस्तपताल के साथ साथ
अब ई -मित्र केन्द्रों पर भी होगा। इससे रोगी तथा उसके परिजनों को
अस्तपतालों में डॉक्टरों को दिखाने के लिए लम्बी लम्बी लाईनों में लगने
से मुक्ति मिलेगी। राजस्थान में धौलपुर जिले में एक नवाचार के रूप में
ई-मित्र केन्द्रों पर आउटडोर पर्ची तथा पंजीयन का काम पहले से ही किया जा
रहा है। धौलपुर में सफल रहने के बाद में अब प्रदेश सरकार ने धौलपुर जिले
की इस पहल को अब पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय किया है। इस कवायद
के तहत अब जयपुर के योजना भवन में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के
अधिकारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
धौलपुर के सरकारी अस्तपताल में पर्चा बनवाने तथा डॉक्टर को दिखाने के
लिए रोगी एवं उसके परिजनों को घंटों तक लम्बी लम्बी लाईनों में लगना
पड़ता था। कई बार तो पर्चा बनने में ज्यादा समय लगने के कारण रोगियों को
बिना डॉक्टर को दिखाये वापस लौटना पड़ता था। धौलपुर के जिला कलक्टर राकेश
कुमार जायसवाल ने रोगी तथा उनके परिजनों की पीड़ा को समझा और अस्तपताल के
अलावा ई-मित्र केन्द्रों पर आउटडोर पर्ची बनवाने का निर्णय किया गया।
बीते करीब तीन महीने में यह कवायद पूरी तरह सफल रहीं और रोगी तथा उनके
परिजनों को लाईन में लगने सेे मुक्ति मिल गई। यही नहीं अब सदर अस्पताल के
काउंटरों की तादाद भी कम हो गई है।
जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि इस कवायद में राजस्थान
मेडीकल रिलीफ सोसायटी तथा स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से धौलपुर के
ई-मित्रों को प्रि प्रिन्टेड स्टेशनरी तथा डॉट मेट्रिक्स प्रिन्टर
निशुल्क उपलब्ध कराये गये। यही नहीं, आउटडोर पर्ची बनाने के लिए ई-मित्र
केन्द्र संचालकों को प्रति पर्चे की दर से पॉच रूपये कमीशन देने का
निर्णय किया गया। फिर क्या था, ये कवायद रंग लाई और धौलपुर शहर के सरकारी
अस्तपताल के साथ साथ ई-मित्र केन्द्रों पर भी आउटडोर पर्ची बनने लगी।
इस नयी पहल का असर यह हुआ कि सरकारी अस्तपताल में प्रात: 9 से दोपहर 12
बजे तक होने वाली लम्बी कतारों से मुक्ति मिली तथा सामान्य चिकित्सालय
में आउटडोर पर्ची के 10 काउंटरों में से अब केवल 4 काउंटरों पर आउटडोर
पर्ची बनायी जा रही है। चिकित्सालय के कांउटरों पर काम करने वाले 5 ठेका
कार्मिकों को हटाने से आरएमआरएस का प्रति कम्प्यूटर ऑपरेटर 11 हजार 32
रूपये प्रतिमाह के हिसाब से कुल 6 लाख 62 हजार रूपये प्रति वर्ष का
वित्तीय भार भी कम हुआ है। की गई पहल से न केवल आम जन को लाभ हुआ बल्कि
ई-मित्र केन्द्रों को भी आय का अतिरिक्त स्रोत मिला। रोगियों को इस नयी
पहल का लाभ यह मिला कि उनकी आउटडोर पर्ची का उपयोग सात दिवस में कभी भी
किया जा सकता है तथा उन्हें अतिरिक्त शुल्क भी नही देना पड़ रहा है।
धौलपुर जिले में चल रहे इस अभिनव प्रयोग की राज्य सरकार द्वारा सराहना
की गई व अब इस मॉडल को संपूर्ण राजस्थान में लागू करने की तैयारी भी
प्रारंभ कर दी गई है। जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि इसके
लिए 20 फरवरी 2020 को ई-मित्र कियोस्कों द्वारा ओपीडी रजिस्ट्रेशन पर्ची
विषय पर जयपुर में योजना भवन में ट्रेनिंग का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिग
के माध्यम से किया गया है, जिसमें राजस्थान के समस्त जिलों के अधिकारियों
को इस मॉडल के लागू करने की प्रक्रिया के बाबत जानकारी दी जाएगी। बताते
चलें कि वर्तमान में धौलपुर शहर के 12 ई-मित्र केन्द्रों पर यह सुविधा
उपलब्ध है तथा कुल रोगी पंजीकरण का लगभग 40 प्रतिशत पंजीकरण ई-मित्र
केन्द्रों के माध्यम से हो रहा है। धौलपुर जिला प्रशासन की यह पहल
रोगियों तथा परिजनों को बहुत भा रही है।
राजस्थान में सरकारी अस्पतालों की आउटडोर पर्ची अब ईमित्र केंद्रों पर बनेगी